Haryana Election 2024 : कुमारी सैलजा को लेकर राजनीति में हलचल तेज, बीजेपी और बसपा ने दिया खुला निमंत्रण
Haryana Election 2024 : कुमारी सैलजा को लेकर राजनीति में हलचल तेज, बीजेपी और बसपा ने दिया खुला निमंत्रण
Haryana Election 2024 : कुमारी सैलजा को लेकर राजनीति में हलचल तेज, बीजेपी और बसपा ने दिया खुला निमंत्रण
Haryana Election 2024 : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते ही राजनीति में हलचल तेज हो गई है। सिरसा की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा की नाराजगी ने चुनावी मैदान में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई जातिगत और निजी टिप्पणियों से आहत सैलजा, पिछले एक सप्ताह से चुनाव प्रचार से दूर हैं। इस बीच बीजेपी और बसपा ने सैलजा को अपने दल में शामिल होने का न्योता दिया है।
कुमारी सैलजा की नाराजगी पर चुनावी चर्चा
कुमारी सैलजा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, लेकिन पार्टी के अंदरूनी विवाद और जातिगत टिप्पणियों के चलते वह नाराज हैं। कांग्रेस के भीतर यह मसला उस वक्त और गंभीर हो गया जब बीजेपी और बसपा ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए सैलजा को अपने दलों में शामिल होने का न्योता दिया। खासकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे राजनीतिक लाभ के रूप में इस्तेमाल किया है।
चंद्रमोहन बिश्नोई ने बताया भावी मुख्यमंत्री
कांग्रेस के पंचकूला से प्रत्याशी चंद्रमोहन बिश्नोई ने कुमारी सैलजा का समर्थन करते हुए उन्हें हरियाणा की भावी मुख्यमंत्री करार दिया। उन्होंने कहा कि सैलजा एक वरिष्ठ नेता हैं और उनका अपमान पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। वहीं, बसपा के आकाश आनंद ने कहा कि “बसपा दलितों का घर है” और अगर सैलजा कांग्रेस में अपमानित महसूस कर रही हैं, तो बसपा उनका स्वागत करेगी।
भाजपा और बसपा का खुला निमंत्रण
बीजेपी और बसपा दोनों दलों ने सैलजा को अपने-अपने खेमे में लाने की कोशिश की है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस ने दलित नेता का अपमान किया है, और भाजपा सैलजा जैसी वरिष्ठ नेता का स्वागत करने के लिए तैयार है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी कांग्रेस की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस की परंपरा दलितों का अपमान करने की रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा ऐसे अपमान को सहन नहीं करेगी।
कांग्रेस का रुख और सैलजा की चुप्पी
कांग्रेस हाईकमान और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अब तक इस मसले पर चुप्पी साधी है। वहीं, कुमारी सैलजा के चुनाव प्रचार से दूर रहने ने इस चर्चा को और बढ़ा दिया है कि वे किसी नए राजनीतिक दल का हिस्सा बन सकती हैं। सैलजा ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव से पहले वे किस राजनीतिक दल का हिस्सा बनती हैं।
चुनावी असर
हरियाणा में दलित वोट बैंक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और कुमारी सैलजा के इर्द-गिर्द हो रही यह राजनीतिक हलचल आगामी चुनावों में निर्णायक साबित हो सकती है। अगर सैलजा कांग्रेस छोड़ती हैं, तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका हो सकता है, खासकर तब जब बीजेपी और बसपा इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।